नई दिल्ली: भारत की सरकारी गैस कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड (GAIL) को आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की उम्मीद है। कंपनी ने इस अनुमान के साथ एक 12,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय (Capex) मेगा प्लान भी तैयार किया है, जो उसकी भविष्य की विस्तार योजनाओं और ऊर्जा लक्ष्यों की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
वैश्विक गैस बाजार में गिरावट की संभावना
गेल ने साफ किया है कि कंपनी दुनिया भर में प्राकृतिक गैस की कीमतों पर नजर रख रही है। अमेरिका में स्थित हेनरी हब के आधार पर तय होने वाली कीमतों में जो हालिया उछाल देखा गया, वह अस्थायी है और दीर्घकालिक रूप से ये कीमतें नीचे आ सकती हैं।
गेल का बयान:
“हेनरी हब की मौजूदा कीमतें सामान्य स्थितियों से अलग हैं। हम मानते हैं कि यह स्थायी नहीं है और जल्द ही बाजार स्थिर होकर कीमतों को कम करेगा। हमारी रणनीति लागत को नियंत्रित रखने और निवेश को स्मार्ट तरीके से करने की है।”
हेनरी हब अमेरिका के लुइसियाना में स्थित एक महत्वपूर्ण गैस पाइपलाइन और डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर है। दुनिया भर में प्राकृतिक गैस की थोक कीमतें अक्सर इसी हब से तय होती हैं।
कच्चे तेल की कीमतों में भी राहत संभव
गेल को उम्मीद है कि कच्चे तेल की कीमतें भी 60 से 70 डॉलर प्रति बैरल के बीच रह सकती हैं, बशर्ते कोई भू-राजनीतिक संकट (जैसे युद्ध, प्रतिबंध या आपूर्ति में बाधा) उत्पन्न न हो।
कंपनी ने कहा:
“हम मानते हैं कि नेफ्था जैसे वैकल्पिक ईंधनों की कीमतें भी नियंत्रित बनी रहेंगी, जिससे कच्चे तेल की महंगाई पर भी दबाव नहीं बढ़ेगा।”
नेफ्था एक पेट्रोलियम उत्पाद है जो सीधे तौर पर कच्चे तेल से जुड़ा होता है, और इसकी कीमत में उतार-चढ़ाव का प्रभाव व्यापक ऊर्जा बाजार पर पड़ता है।
GAIL का 12,000 करोड़ रुपये का निवेश प्लान
गेल ने वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए एक विस्तृत Capex योजना घोषित की है, जिसका उद्देश्य इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास, हरित ऊर्जा, नेट-जीरो लक्ष्य, और शहरी गैस वितरण है।
इस योजना में प्रमुख खर्च इस प्रकार हैं:
क्षेत्र | अनुमानित खर्च (₹ करोड़ में) |
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पाइपलाइन प्रोजेक्ट्स | 4,000 |
शहरी गैस वितरण (CGD) | 200 |
पेट्रोकेमिकल प्रोजेक्ट्स | 2,500 |
खोज और उत्पादन (E&P) | 500 |
संचालन/रखरखाव | 1,400 |
नेट जीरो लक्ष्य के लिए निवेश | 2,000 |
इक्विटी योगदान | 850 |
कुल पूंजीगत व्यय (Capex) | 12,000 |
जून तिमाही के नतीजे: GAIL का मुनाफा गिरा, राजस्व में हल्की बढ़त
सरकारी गैस कंपनी गेल (GAIL) ने बीते सोमवार को जून 2025 में समाप्त वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (जून 2025 तक) के वित्तीय नतीजों की घोषणा की। तिमाही के दौरान कंपनी का शुद्ध मुनाफा 25% घटकर 2,382.24 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 3,183.35 करोड़ रुपये था।वहीं, कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू मामूली बढ़त के साथ 1.7% बढ़कर 35,428.81 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 34,821.89 करोड़ रुपये था।गेल ने उम्मीद जताई है कि भविष्य में गैस और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से कंपनी को फायदा होगा।
गेल ने मुनाफे में गिरावट का कारण कुछ अस्थायी बाजार चुनौतियों और इनपुट लागत में बढ़ोतरी को बताया है। हालांकि, कंपनी का मानना है कि आने वाले तिमाहियों में बाजार स्थिर होगा और निवेश का लाभ मिलेगा।
नेट-जीरो लक्ष्य की दिशा में बड़ा कदम
गेल ने 2,000 करोड़ रुपये विशेष रूप से नेट-जीरो एमिशन लक्ष्य के लिए आवंटित किए हैं। इस फंड का उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जाएगा:
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हरित हाइड्रोजन उत्पादन
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सोलर और विंड एनर्जी परियोजनाएं
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सीएनजी और बायो-सीएनजी प्लांट्स
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ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम
भविष्य की राह: भरोसे और विस्तार की नीति
गेल का यह मेगा प्लान बताता है कि कंपनी न केवल कीमतों में संभावित गिरावट का लाभ उठाना चाहती है, बल्कि लंबी अवधि के लिए ऊर्जा ढांचे को मजबूत भी कर रही है।
कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा:
“हमारा फोकस भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। यह निवेश योजना हमारी जिम्मेदारी, रणनीति और भविष्य की मजबूती को दर्शाती है।”