नई दिल्ली: अमेरिका और भारत के बीच बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को लेकर चर्चाएं तेज़ हैं। लेकिन इसके अंतिम रूप तक पहुंचने से पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा बयान देकर भारत को सतर्क कर दिया है।
ट्रंप ने हाल ही में संकेत दिया है कि भारत पर 20 से 25 प्रतिशत तक का आयात टैरिफ लगाया जा सकता है। ट्रंप के इस बयान ने भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में एक बार फिर नई हलचल पैदा कर दी है।
क्या बोले ट्रंप?
बीते मंगलवार को एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने एक रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका भारत पर बड़ा टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है।
उन्होंने कहा:
“भारत अमेरिका से जितना टैरिफ वसूल रहा है, वह किसी और देश से कहीं ज्यादा है। लेकिन जब तक मैं राष्ट्रपति हूं, यह असमानता अब और नहीं चल सकती।”
ट्रंप ने यह भी जोड़ा कि बातचीत सही दिशा में है, लेकिन साथ ही यह संकेत भी दिया कि अगर समझौता नहीं होता, तो अमेरिका भारत से आने वाले उत्पादों पर भारी शुल्क लगा सकता है।
1 अगस्त की डेडलाइन, लेकिन डील नहीं
अमेरिकी प्रशासन ने 1 अगस्त 2025 तक नई टैरिफ नीति लागू करने की समयसीमा तय की है। इस बीच, भारत के साथ अंतिम समझौता अब तक नहीं हो पाया है। जबकि अमेरिका पहले ही ब्रिटेन, जापान, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ अपने व्यापार समझौतों को अंतिम रूप दे चुका है।
इससे यह आशंका और भी प्रबल हो गई है कि अगर भारत के साथ डील नहीं होती, तो ट्रंप प्रशासन एकतरफा टैरिफ लागू कर सकता है।
भारत का रुख क्या है?
भारत ने इस मसले पर संयमित लेकिन मजबूत प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि:
“भारत आज आत्मविश्वास और मजबूती के साथ अमेरिका से बातचीत कर रहा है। हमारा उद्देश्य एक निष्पक्ष, पारदर्शी और दीर्घकालिक व्यापार समझौता करना है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत केवल राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखकर कोई समझौता करेगा।
वहीं, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी इस बात की पुष्टि की है कि भारत अमेरिका के साथ संभावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को लेकर सक्रिय बातचीत कर रहा है।
ट्रंप की टैरिफ नीति का असर
ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी भारत पर टैरिफ बढ़ाया गया था। 22 अप्रैल 2025 को ट्रंप प्रशासन ने भारत से अमेरिका आने वाले कई उत्पादों पर 26% तक टैरिफ लगा दिया था। हालांकि, इसे बाद में अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया।
अगर नया टैरिफ लागू हुआ, तो इसका असर भारत के निम्नलिखित सेक्टरों पर पड़ सकता है:
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कपड़ा और परिधान
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ऑटो पार्ट्स
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फार्मास्युटिकल्स
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जेम्स एंड ज्वैलरी
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आर्गेनिक उत्पाद
भारत-अमेरिका व्यापार संबंध: एक नज़र
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ा है:
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2024 में द्विपक्षीय व्यापार का आंकड़ा $190 अरब डॉलर तक पहुंच चुका था।
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अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है।
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भारत अमेरिका से तकनीक, रक्षा, ऊर्जा और फार्मा क्षेत्र में निवेश चाहता है।
लेकिन ट्रंप के रुख के चलते व्यापार संतुलन को लेकर फिर से खींचतान शुरू हो सकती है।
ट्रंप का संदेश: दोस्ती, लेकिन शर्तों के साथ
ट्रंप ने बातचीत में यह भी कहा:
“भारत हमारा अच्छा दोस्त रहा है, लेकिन व्यापार के मामले में संतुलन जरूरी है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अमेरिकी कंपनियों को भारत में समान अवसर मिलें।”
इस बयान से साफ है कि ट्रंप भारत से अच्छे संबंध तो बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन वह समझौते को “अमेरिका फर्स्ट” सिद्धांत के तहत देख रहे हैं।
आगे क्या?
1 अगस्त की डेडलाइन के बहुत करीब होने के बावजूद, कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। अब देखना यह होगा कि क्या भारत और अमेरिका अंतिम समय पर कोई सौदा करते हैं या एक बार फिर व्यापार संबंधों में नया तनाव शुरू होता है।