Monday, June 9

नई दिल्ली, India का इलेक्ट्रिक व्हीकल मार्केट अब तेजी से वैश्विक ऑटो कंपनियों को आकर्षित कर रहा है। इस रेस में अब दो और दिग्गज यूरोपीय कंपनियां शामिल हो गई हैं – स्कोडा-फॉक्सवैगन और मर्सिडीज-बेंज। दोनों कंपनियों ने भारत में इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण और निवेश की योजना की पुष्टि की है। इसका सीधा असर न केवल देश की ईवी इंडस्ट्री पर पड़ेगा, बल्कि रोजगार, तकनीक और एक्सपोर्ट के रास्ते भी खुलेंगे।

स्कोडा-फॉक्सवैगन: भारत को बनाएंगे ग्लोबल EV मैन्युफैक्चरिंग हब

स्कोडा और फॉक्सवैगन का भारत में संयुक्त उपक्रम, SAVWIPL (Skoda Auto Volkswagen India Pvt. Ltd.), आने वाले वर्षों में भारत में स्थानीय रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण शुरू करेगा।

कंपनी की योजना है कि वह अपने मौजूदा पुणे और औरंगाबाद प्लांट्स में EV प्रोडक्शन सुविधाओं का विस्तार करे। इसके लिए अरबों रुपये के निवेश की तैयारी की जा रही है।

ब्रांड निदेशक पेट्र सोल्क के अनुसार:

“हम भारत को सिर्फ एक बाजार नहीं, बल्कि वैश्विक EV आपूर्ति श्रृंखला का केंद्र बनाना चाहते हैं।”

SAVWIPL भारत में पहला मेड-इन-इंडिया EV मॉडल 2026 तक लॉन्च कर सकती है, जिसे न केवल घरेलू ग्राहकों को बेचा जाएगा बल्कि एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका जैसे देशों को निर्यात भी किया जाएगा।

मर्सिडीज का EV सेगमेंट में भरोसा, बढ़ाएगी लोकल असेंबली

भारत में लग्जरी कारों की अग्रणी कंपनी मर्सिडीज-बेंज इंडिया भी अब EV सेगमेंट में और गहराई से उतरने जा रही है। कंपनी ने घोषणा की है कि वह भारत में अपने कुछ प्रमुख इलेक्ट्रिक मॉडल्स – जैसे EQE, EQS और EQB – की लोकल असेंबली बढ़ाएगी।

CEO संतोष अय्यर ने बताया:

हम भारत में लगातार EV के प्रति बढ़ती मांग देख रहे हैं। हमारी योजना अगले 3 वर्षों में 1,500 करोड़ रुपये का निवेश करने की है।”

पुणे स्थित प्लांट को EV मॉडल्स के लिए तैयार किया जा रहा है और भविष्य में यह कारें भारत में बनी हुई नजर आएंगी।

भारत क्यों बन रहा है ऑटो दिग्गजों की पसंद?

भारत में EV निर्माण को लेकर कंपनियों का उत्साह कई वजहों से है:

  • सरकार की EV नीति: प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) और FAME स्कीम जैसे प्रोत्साहन

  • विस्तृत बाजार: 140 करोड़ की आबादी और तेजी से बढ़ती EV डिमांड

  • कम लागत: उत्पादन और श्रम लागत विकसित देशों की तुलना में बहुत कम

  • एक्सपोर्ट संभावनाएं: भारत से मध्य एशिया, अफ्रीका और ASEAN देशों तक EV निर्यात की क्षमता

इन फैक्टर्स ने भारत को EV निवेश का अगला बड़ा गंतव्य बना दिया है।

इलेक्ट्रिक सेगमेंट में भारत की स्थिति

2024 में भारत में EV की बिक्री में 60% से ज्यादा की बढ़त देखी गई। स्कूटर, बाइक, तिपहिया और अब कारें – हर श्रेणी में ईवी तेजी से जगह बना रहे हैं।

सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक कुल यात्री वाहनों की बिक्री में 30% हिस्सा इलेक्ट्रिक का हो। इसके लिए चार्जिंग नेटवर्क, बैटरी टेक्नोलॉजी, और स्थानीय निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है।

लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं

EV क्षेत्र में अवसर के साथ-साथ कुछ समस्याएं भी बनी हुई हैं:

  • अभी भी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर्याप्त नहीं है

  • बैटरी निर्माण में भारत आयात पर निर्भर है

  • उपभोक्ताओं के मन में EV की रेंज और भरोसे को लेकर शंका बनी हुई है

  • ग्रामीण इलाकों में EV की पहुंच अभी सीमित है

हालांकि इन समस्याओं को दूर करने के लिए सरकारी योजनाओं और निजी निवेश को मिलाकर एक स्थायी समाधान की दिशा में काम चल रहा है।

वैश्विक नजरिए से भारत का असर

मर्सिडीज और स्कोडा-फॉक्सवैगन का भारत में यह विस्तार एक संकेत है कि चीन की निर्भरता को कम करते हुए वैश्विक कंपनियां भारत को अपना उत्पादन केंद्र बना रही हैं। इससे न केवल भारत में उन्नत तकनीक का प्रवेश होगा, बल्कि रोजगार और एक्सपोर्ट को भी बढ़ावा मिलेगा।

भारत की ईवी क्रांति को मिलेगी नई रफ्तार

विदेशी कंपनियों के भारत में EV निर्माण की घोषणा बताती है कि भारत अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं, निर्माता बनने की ओर बढ़ रहा है। स्कोडा-फॉक्सवैगन और मर्सिडीज जैसे ब्रांड्स का यह निवेश भारतीय ऑटो सेक्टर को नई दिशा देगा और देश को ग्लोबल EV मैप पर मजबूती से स्थापित करेगा।

आने वाले समय में टेस्ला, बीवाईडी और हुंडई जैसी अन्य कंपनियों से भी इसी तरह की घोषणाएं सामने आने की संभावना है।

Share.
Leave A Reply

Owner & Editor: Sujeet Kumar

Registered Office:
B-87 A, Gayatri Nagar, Shankar Nagar,
Near Jagannath Mandir,
Raipur, Chhattisgarh – 492004

Contact Details:
📧 Email: rivalsmedia2025@gmail.com
📞 Mobile: +91-7382800085

June 2025
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  

© 2025 Financial Talk Online. Designed by Nimble Technology.

Exit mobile version