Thursday, September 4

नई दिल्ली (IANS)। लोकसभा में पास हुए नए इनकम टैक्स बिल के तहत देरी से आईटीआर जमा करने वाले करदाता भी अतिरिक्त काटे गए टैक्स के रिफंड के लिए दावा कर सकते हैं। विश्लेषकों ने मंगलवार को कहा कि नए इनकम टैक्स में में छोटे करदाताओं के लिए केवल टैक्स रिफंड का दावा करने हेतु रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता को समाप्त करने का प्रस्ताव नहीं है।

इसका मतलब छोटे करदाताओं को भी टैक्स रिफंड पाने के लिए आईटीआर जमा करना होगा। नए इनकम टैक्स बिल में धारा 433 को बरकरार रखा गया है, जिसके अनुसार ‘रिफंड का प्रत्येक दावा धारा 263 के तहत रिटर्न प्रस्तुत करके ही किया जा सकता है।” नए इनकम टैक्स बिल के तहत ऐसे करदाता जो अंतिम तारीख निकलने के बाद आईटीआर जमा या संशोधित करते हैं, वे भी रिफंड के पात्र होंगे।

वरिष्ठ नागरिकों सहित छोटे करदाताओं को केवल टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स(टीडीएस) की वापसी का दावा करने के लिए रिटर्न दाखिल करना होगा, भले ही उनकी आय मूल छूट सीमा से कम हो। संसदीय समिति ने सिफारिश की थी कि करदाताओं को केवल पेनल्टी से बचने के लिए रिटर्न दाखिल करने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। बीडीओ इंडिया में ग्लोबल एम्प्लॉयर सर्विसेज, टैक्स एंड रेगुलेटरी सर्विसेज की पार्टनर प्रीति शर्मा ने कहा, “नए कानून का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आम आदमी इसे पुराने कानून की तुलना में कम मेहनत में आसानी से समझ सकता है।

संशोधित विधेयक में सेलेक्ट समिति द्वारा सुझाए गए ज्यादातर बदलावों को शामिल किया गया है। करदाताओं को अभी भी टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय सही रिजीम का आकलन करने की प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसी तरह, बजट 2025 में पेश की गई कर दरों में भी कोई बदलाव प्रस्तावित नहीं है।” भाजपा सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व वाली 31 सदस्यीय संसदीय समिति की सिफारिशों को शामिल करते हुए नया विधेयक पारित किया गया।

–आईएएनएस 

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