Monday, June 9

रायपुर। छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना में 220 करोड़ का मुआवजा घोटाला मामले को लेकर EOW ने एक और बिल्डर के ऑफिस में दबिश दी है. EOW आज तेलीबांधा स्थित दशमेश बिल्डर्स के ऑफिस पहुंचकर दस्तावेजों की छानबिन कर रही है. दशमेश इन्स्टावेंचर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कई पार्टनर्स में भावना कुर्रे और हरमीत सिंह खनूजा (गिरफ्तार आरोपी) भी शामिल हैं. भावना कुर्रे अभनपुर के तत्कालीन तहसीलदार शशिकांत कुर्रे की पत्नी हैं. EOW ने 25 अप्रैल को छापेमारी के दौरान दशमेश बिल्डर्स के दफ्तर को सील कर दिया था, जहां आज दस्तावेजों की जांच जारी है. बता दें, ACB/EOW ने 25 अप्रैल को प्रदेश के दुर्ग, रायपुर जिले में करीब 18 से 20 ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी. इस दरौन रायपुर के दशमेश इन्स्टावेंचर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के दफ्तर में भी दबिश दी गई थी.

लेकिन दफ्तर बंद होने की वजह से ACB/EOW ने दफ्तर को सील कर दिया था. इसके बाद आज EOW की टिम यहां फिर पहुंची है. फिलहाल  जांच कर कागजात खंगाल रही है.  भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत भूमि अधिग्रहण में हुई गड़बड़ी के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण विभाग (EOW) ने 26 अप्रैल को बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में हरमीत खनूजा, उमा तिवारी, केदार तिवारी और विजय जैन शामिल हैं. इन आरोपियों को ACB/EOW की विशेष कोर्ट में पेश किया गया था, जहां कोर्ट ने EOW की मांग पर चारों को 6 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है. फिलहाल ACB/EOW इन चारों से हिरासत में पूछताछ कर रही है.

CCS की बैठक शुरू: पीएम मोदी ने दी सेना को फ्री हैंड, पाकिस्तान ने 24 से 36 घंटे में हमले की जताई आशंका

छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत राजधानी रायपुर से विशाखपट्टनम तक 950 कि.मी. सड़क निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजना में रायपुर से विशाखापटनम तक फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्स लेन सड़क बनना प्रस्तावित है. इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की जमींने अधिग्रहित की हैं. इसके एवज में उन्हें मुआवजा दिया जाना है, लेकिन कई किसानों को अब भी मुआवजा नहीं मिल सका है. विधानसभा बजट सत्र 2025 के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद इस मामले में जांच का फैसला लिया गया.

बता दें, शुरुआती जांच में यह सामने आया था कि कुछ सरकारी अधिकारियों, भू-माफियाओं और प्रभावशाली लोगों ने मिलीभगत कर फर्जी तरीके से लगभग 43 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि हासिल की थी. वहीं मामले की विस्तृत जांच में यह आंकड़ा बढ़कर 220 करोड़ रुपये से अधिक तक पहुंच गया है. अब तक लगभग 164 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का रिकॉर्ड जांच एजेंसी को मिल चुका है. बताया जाता है कि कमोबेश 300 करोड़ रुपए के इस घोटाले का खुलासा दिल्ली से दबाव पड़ने के बाद हुआ.

मुआवजे के तौर पर 248 करोड़ रुपए देने के बाद 78 करोड़ के और क्लेम सामने आने पर नेशनल हाईवे अथारिटी के चीफ विजिलेंस आफिसर ने रायपुर कलेक्टर से इसकी जांच कराने कहा था. लेकिन जांच सालों तक अटकी रही. दिल्ली से पड़े दबाव के बाद कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट तैयार की, जिसमें यह बात स्पष्ट हुई कि मूल मुआवजा 35 करोड़ के आसपास बनता था, जिसे 213 करोड़ रुपए ज्यादा कर बांट दिया गया. भूमि अधिग्रहण नियम 2013 के तहत हितग्राही से यदि 5 लाख कीमत की जमीन ली जाती है, तो उस कीमत के अलावा उतनी ही राशि यानी 5 लाख रुपए सोलेशियम के रूप में भी दी जाएगी. इस तरह उसे उस जमीन का मुआवजा 10 लाख दिया जाएगा. इसके तहत 5 लाख की यदि जमीन अधिग्रहित की जाती है तो उसके 10 लाख रुपए मिलेंगे और 10 लाख रुपए सोलेशियम होगा. इस तरह हितग्राही को उसी जमीन के 20 लाख रुपए मिलेंगे.

Share.

Comments are closed.

Owner & Editor: Sujeet Kumar

Registered Office:
B-87 A, Gayatri Nagar, Shankar Nagar,
Near Jagannath Mandir,
Raipur, Chhattisgarh – 492004

Contact Details:
📧 Email: rivalsmedia2025@gmail.com
📞 Mobile: +91-7382800085

June 2025
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  

© 2025 Financial Talk Online. Designed by Nimble Technology.

Exit mobile version