नई दिल्ली । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड Trump ने ब्राजील के खिलाफ 50% आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने का बड़ा ऐलान किया है। ट्रम्प ने आरोप लगाया कि ब्राजील में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रणाली पर हमला हो रहा है और वहां के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार बनाया जा रहा है।
ट्रम्प ने खुले तौर पर कहा –
“बोल्सोनारो पर चल रहे केस राजनीति से प्रेरित हैं। ब्राजील को तुरंत ये मुकदमे बंद करने चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो अमेरिका और कठोर आर्थिक कदम उठाएगा।”
ट्रम्प का आरोप:
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ब्राजील में लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर किया जा रहा है
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बोल्सोनारो को टारगेट करके विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है
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न्यायिक प्रक्रिया को हथियार बनाया जा रहा है
टैरिफ का असर:
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ब्राजील से अमेरिका को होने वाला स्टील, एल्यूमिनियम और कॉफी का निर्यात प्रभावित होगा
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अमेरिकी कंपनियों को इन वस्तुओं पर 50% अतिरिक्त शुल्क देना होगा
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इससे दोनों देशों के आर्थिक संबंधों में तनाव की संभावना बढ़ गई है
ब्राजील की प्रतिक्रिया:
ब्राजील के विदेश मंत्रालय ने ट्रम्प के बयान को गैर-जिम्मेदाराना और हस्तक्षेपकारी करार दिया। बयान में कहा गया:
“हमारी न्यायपालिका स्वतंत्र है। ट्रम्प जैसे नेता बाहरी दबाव डालकर हमारे संविधान में दखल नहीं दे सकते।”
क्या यह अमेरिकी सरकार की आधिकारिक नीति है?
नहीं।
वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके प्रशासन ने ट्रम्प के बयान से दूरी बना ली है। व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया है कि यह ट्रम्प का निजी रुख है, न कि अमेरिका की सरकारी नीति।
राजनीतिक विश्लेषण:
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रम्प 2024-25 की राजनीति में बोल्सोनारो समर्थकों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों नेताओं के विचार और शैली में पहले से मेल देखा गया है — दोनों चुनाव प्रणाली पर सवाल उठाते रहे हैं, और दोनों को ही लोकतंत्र के नियमों की आलोचना के लिए जाना जाता है।

