नई दिल्ली | भारतीय बैंकिंग प्रणाली की सबसे बड़ी सार्वजनिक संस्था स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। बैंक ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर दी जाने वाली ब्याज दरों में हल्की कटौती की है। यह बदलाव विशेष रूप से उन लोगों को प्रभावित करेगा जो सुरक्षित निवेश विकल्पों के रूप में FD को प्राथमिकता देते हैं।
अब 1 साल की FD पर निवेश करने वालों को 6.25% ब्याज मिलेगा, जबकि पहले यही दर 6.50% थी। नई दरें 17 जून 2025 से लागू हो चुकी हैं और यह ₹2 करोड़ तक की डिपॉजिट पर लागू होंगी।
नई ब्याज दरें – एक नजर में
SBI द्वारा घोषित नई ब्याज दरें सभी अवधि की FD के लिए निम्नानुसार हैं:
अवधि | नई ब्याज दर (सामान्य नागरिकों के लिए) | वरिष्ठ नागरिकों के लिए दर |
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7 दिन – 45 दिन | 3.00% | 3.50% |
46 दिन – 179 दिन | 4.50% | 5.00% |
180 दिन – 210 दिन | 5.25% | 5.75% |
211 दिन – 1 साल | 6.00% | 6.50% |
1 साल – 2 साल | 6.25% | 6.75% |
2 साल – 3 साल | 6.50% | 7.00% |
3 साल – 5 साल | 6.75% | 7.25% |
5 साल – 10 साल | 6.75% | 7.50% |
वरिष्ठ नागरिकों को विशेष लाभ
SBI हमेशा से वरिष्ठ नागरिकों को अतिरिक्त ब्याज दर देता आया है। मौजूदा रिवाइज़्ड रेट्स में भी उन्हें 0.50% अधिक रिटर्न मिलेगा। उदाहरण के लिए, जहां आम नागरिक को 1 साल की FD पर 6.25% मिलेगा, वहीं वरिष्ठ नागरिकों को 6.75% ब्याज दिया जाएगा।
यह सुविधा उन बुज़ुर्गों के लिए राहत की बात है जो अपनी सेवानिवृत्ति के बाद नियमित आय के लिए FD पर निर्भर रहते हैं।
कटौती क्यों की गई है?
ब्याज दरों में कटौती के पीछे मुख्यतः निम्नलिखित आर्थिक कारण हैं:
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रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति:
RBI ने कुछ महीनों से रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है। महंगाई नियंत्रित रहने और लिक्विडिटी पर्याप्त होने से बैंक के पास फंड की लागत कम हो गई है। -
डिपॉजिट में बढ़ोतरी:
SBI सहित कई बैंकों में जमाराशियों में वृद्धि हुई है, जिससे उन्हें डिपॉजिट आकर्षित करने के लिए हाई इंटरेस्ट ऑफर करने की ज़रूरत नहीं पड़ रही। -
क्रेडिट ग्रोथ में गिरावट:
जब बैंक को फंड्स की उतनी जरूरत नहीं होती, तो वे डिपॉजिट पर कम ब्याज देना शुरू करते हैं। यह वही स्थिति दर्शा रही है।
निवेशकों के लिए यह क्या मायने रखता है?
ब्याज दरों में यह बदलाव उन निवेशकों के लिए चिंता का विषय हो सकता है, जो अपने पैसों को FD में लगाकर एक सुरक्षित और तय रिटर्न चाहते हैं। खासकर छोटी अवधि की FD (1–2 साल) वाले निवेशकों को अब पहले के मुकाबले थोड़ा कम लाभ मिलेगा।
हालांकि, यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं, जैसे कि 3 साल या 5 साल की FD, तो SBI अब भी 6.75%–7.25% का अच्छा ब्याज दे रहा है, जो वर्तमान बाजार स्थितियों के अनुसार प्रतिस्पर्धी है।
ऑनलाइन FD खोलना अब और आसान
SBI अपने ग्राहकों को YONO मोबाइल ऐप और नेटबैंकिंग के जरिए डिजिटल माध्यम से FD खोलने की सुविधा देता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह पेपरलेस है और कुछ ही मिनटों में FD खोलकर उसकी ई-रसीद प्राप्त की जा सकती है।
FD पर टैक्स और अन्य बातें
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FD से अर्जित ब्याज पर TDS (Tax Deducted at Source) लागू होता है। अगर किसी व्यक्ति की सालाना ब्याज आय ₹40,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹50,000) से अधिक है, तो TDS कटता है।
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TDS से बचने के लिए ग्राहक Form 15G/15H भर सकते हैं।
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ब्याज दरें परिवर्तनशील होती हैं, यानी SBI भविष्य में इन्हें फिर से बढ़ा या घटा सकता है।
क्या अन्य बैंक भी ब्याज दरें घटाएंगे?
जब SBI जैसा बड़ा सार्वजनिक बैंक कोई बदलाव करता है, तो इसका असर अक्सर अन्य बैंकों की रणनीतियों पर भी पड़ता है। HDFC Bank, ICICI Bank, Bank of Baroda जैसे बैंक भी अब अपने FD रेट्स की समीक्षा कर सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ हफ्तों में अन्य बैंकों की FD दरों में भी कटौती देखने को मिल सकती है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
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ब्याज की तुलना करें:
यदि आपकी FD निकट भविष्य में परिपक्व हो रही है, तो रिन्यू कराने से पहले अन्य बैंकों की ब्याज दरों से तुलना करें। -
लंबी अवधि को प्राथमिकता दें:
जिन बैंकों में 3 साल या उससे अधिक की अवधि की FD पर बेहतर रिटर्न मिल रहा हो, वहां निवेश करने पर सोच सकते हैं। -
वरिष्ठ नागरिक योजना का विकल्प भी देखें:
यदि आप 60+ हैं तो SCSS (Senior Citizens Saving Scheme) या PMVVY जैसे विकल्पों पर भी विचार कर सकते हैं, जो सुरक्षित और अच्छा रिटर्न देते हैं। -
म्यूचुअल फंड की वैकल्पिक योजना:
जिन निवेशकों को थोड़ा जोखिम स्वीकार्य है, वे Debt Mutual Funds की ओर भी रुख कर सकते हैं, जो कभी-कभी FD से अधिक रिटर्न देते हैं।