नई दिल्ली । भारतीय पुनर्वास परिषद (RCI) ने मंगलवार को देशभर में पुनर्वास क्षेत्र में पारदर्शिता, दक्षता और समावेशन लाने के उद्देश्य से सुधारों की घोषणा की।
यह पहल सरकार की जन विश्वास (आधारित शासन व्यवस्था) और ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस की दृष्टि के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य नवाचार और डिजिटल परिवर्तन के माध्यम से छात्रों, पेशेवरों और संस्थानों को सशक्त बनाना है।
आरसीआई ने सेंट्रल रिहैबिलिटेशन रजिस्टर (CRR) जारी करने, नवीनीकरण और योग्यता जोड़ने के सभी शुल्क पूरी तरह माफ कर दिए हैं, जिससे यह प्रक्रिया छात्रों और पेशेवरों के लिए पूरी तरह निशुल्क हो गई है।
सीआरआर पंजीकरण की वैधता पांच से बढ़ाकर सात वर्ष कर दी गई है, और 100 या उससे अधिक कंटीन्यूइंग रिहैबिलिटेशन एजुकेशन (CRE) अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों के लिए स्वचालित नवीनीकरण प्रणाली शुरू की गई है।
विनियमन में ढील और गुणवत्ता में सुधार के लिए, आरसीआई ने 144 उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले संस्थानों और विश्वविद्यालयों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में नामित किया है — यह अपने प्रकार की पहली पहल है, जिसका उद्देश्य शैक्षणिक मानकों को ऊंचा उठाना और पुनर्वास शिक्षा में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना है।
अनुमोदन शुल्क कम कर दिए गए हैं, एकीकृत एनओसी प्रणाली स्थापित की गई है, और दक्षता बढ़ाने के लिए वीडियो-आधारित निरीक्षण शुरू किए गए हैं। अब संस्थान पुनः निरीक्षण से पहले इम्प्रूवमेंट नोटिस के माध्यम से मामूली कमियों को सुधार सकेंगे।
परीक्षा सुधारों का उद्देश्य प्रणाली को अधिक न्यायसंगत और छात्र-हितैषी बनाना है। इसके तहत प्रश्नपत्र सेंटर ऑफ एक्सीलेंस द्वारा तैयार किए जाएंगे, 75 दिनों के भीतर त्वरित पूरक परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी, और समान अनुग्रह अंक (grace marks) प्रदान किए जाएंगे। परीक्षा की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए यादृच्छिक ऑनलाइन और ऑफलाइन निरीक्षण किए जाएंगे।
भारतीय अध्ययन और ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए, आरसीआई भारतीय लेखकों की पुस्तकों, क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध संसाधनों और सांस्कृतिक रूप से उपयुक्त डायग्नोस्टिक टूल्स को प्राथमिकता देगा।


