नई दिल्ली । मरम्मत मिशन में जनसहभागिता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा “एम्पावरिंग कंज्यूमर्स थ्रू रिपेयरएबिलिटी इंडेक्स” विषय पर एक लोगो डिजाइन प्रतियोगिता शुरू की गई है। इस संबंध में मंगलवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति जारी की गई।
यह पहल रचनात्मक विचारों को आमंत्रित करने के लिए शुरू की गई है ताकि ऐसा लोगो विकसित किया जा सके जो:
- किसी उत्पाद के रिपेयरएबिलिटी इंडेक्स रेटिंग को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करे,
- “राइट टू रिपेयर” और परिपत्र अर्थव्यवस्था (सर्कुलर इकॉनमी) के मूल सिद्धांतों का प्रतीक बने, और
- उपभोक्ताओं द्वारा आसानी से पहचाने जाने योग्य एक प्रमाणन चिन्ह के रूप में कार्य करे।
प्रस्तावित लोगो भारत के परिपत्र अर्थव्यवस्था की दिशा में परिवर्तन का दृश्य प्रतिनिधित्व होगा, जो जिम्मेदार उपभोग और उपभोक्ता सशक्तिकरण को बढ़ावा देगा।
यह प्रतियोगिता सभी भारतीय नागरिकों के लिए खुली है, जिनकी आयु 1 नवंबर तक 16 वर्ष या उससे अधिक है। प्रतिभागियों को अपने मौलिक लोगो डिजाइनों के साथ एक संक्षिप्त अवधारणा नोट प्रस्तुत करना होगा, जिसमें डिजाइन विचार और विषय से उसका संबंध स्पष्ट किया गया हो।
प्रविष्टियाँ निर्धारित प्रारूप में MyGov पोर्टल (Empowering Consumers through Repairability Index | MyGov.in) के माध्यम से 30 नवंबर तक अपलोड की जा सकती हैं। विजेता प्रविष्टि को ₹25,000 का नकद पुरस्कार दिया जाएगा और चयनित लोगो को रिपेयरएबिलिटी इंडेक्स फ्रेमवर्क के प्रतीक के रूप में आधिकारिक रूप से अपनाया जा सकता है।
“राइट टू रिपेयर” के तहत रिपेयरएबिलिटी इंडेक्स फ्रेमवर्क के लिए प्रारंभिक फोकस क्षेत्र कृषि उपकरण, मोबाइल फोन और टैबलेट, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएँ, ऑटोमोबाइल और ऑटोमोबाइल उपकरण होंगे।
इस पहल का उद्देश्य उपभोक्ताओं को अपने खरीदे गए उत्पादों पर वास्तविक “स्वामित्व” प्रदान करना और व्यापार एवं मरम्मत पारिस्थितिक तंत्र को LiFE (लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट) आंदोलन के सजग और सतत उपभोग के आह्वान के अनुरूप समरस करना है।
एक बार लागू होने के बाद, यह फ्रेमवर्क निर्धारित प्रमुख मानकों पर आधारित होगा, जो उत्पादों की मरम्मत-सुलभता के आधार पर उनके मूल्यांकन, रेटिंग और तुलना के लिए आधार प्रदान करेगा।


