नई दिल्ली । भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 2014–15 में ₹1.9 लाख करोड़ से बढ़कर 2024–25 में ₹11.3 लाख करोड़ हो गया है — जो लगभग छह गुना वृद्धि है। यह जानकारी शनिवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति में दी गई।
मोबाइल फोन निर्यात भी 2014–15 में ₹1,500 करोड़ से बढ़कर 2024–25 में ₹2 लाख करोड़ हो गया, यानी 127 गुना वृद्धि हुई है।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता देश है। पिछले 10 वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र ने 25 लाख रोजगार सृजित किए हैं।
मोबाइल फोन उत्पादन 2014–15 में ₹18,000 करोड़ से बढ़कर 2024–25 में ₹5.45 लाख करोड़ हो गया, जो 28 गुना वृद्धि दर्शाता है। भारत का मोबाइल निर्माण उद्योग तेज़ी से आगे बढ़ा है — 2014 में केवल 2 इकाइयों से आज 300 से अधिक इकाइयाँ हो गई हैं।
भारत ने मोबाइल उत्पादन में लगभग आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है — 2014–15 में जहाँ 78% आवश्यकताएँ आयात की जाती थीं, वहीं आज लगभग सभी उपकरण घरेलू रूप से निर्मित किए जा रहे हैं।
वित्त वर्ष 2025–26 में भारत ने संयुक्त राज्य अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात करने में चीन को पीछे छोड़ दिया है।
2030–31 तक $500 अरब का घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के दृष्टिकोण के साथ, भारत एक वैश्विक प्रौद्योगिकी नेता के रूप में उभरने की दिशा में अग्रसर है — जो विश्व के लिए नवाचार करेगा और देश में विशाल अवसर सृजित करेगा।
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग मज़बूत नीतिगत समर्थन और लक्षित सरकारी पहलों के बल पर विकसित हुआ है। ये कार्यक्रम एक वैश्विक प्रतिस्पर्धी निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने, निवेश आकर्षित करने, बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन करने और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की भूमिका को सशक्त करने का लक्ष्य रखते हैं।


