नई दिल्ली । इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने इंडिया एआई मिशन के तहत बुधवार को इंडिया एआई गवर्नेंस गाइडलाइंस जारी कीं, जिनका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षित, समावेशी और जिम्मेदार एआई (Artificial Intelligence) अपनाने को सुनिश्चित करना है।
इन दिशानिर्देशों का औपचारिक रूप से विमोचन भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद ने किया। उन्होंने कहा, “इस ढांचे की मूल भावना को परिभाषित करने वाला मार्गदर्शक सिद्धांत सरल है — ‘किसी को नुकसान न पहुंचाना’। हमारा ध्यान नवाचार के लिए सैंडबॉक्स तैयार करने और एक लचीले, अनुकूलनशील तंत्र के भीतर जोखिम शमन सुनिश्चित करने पर है।”
यह लॉन्च भारत–एआई इंपैक्ट समिट 2026 से पहले एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जब भारत जिम्मेदार एआई गवर्नेंस में अपनी नेतृत्व भूमिका को मजबूत कर रहा है। इन दिशानिर्देशों में एक मजबूत शासन ढांचा प्रस्तावित किया गया है, जिसका उद्देश्य अत्याधुनिक नवाचार को प्रोत्साहित करना और व्यक्तियों तथा समाज के लिए जोखिमों को कम करते हुए सुरक्षित रूप से एआई का विकास और उपयोग सुनिश्चित करना है।
इस ढांचे में चार प्रमुख घटक शामिल हैं:
- नैतिक और जिम्मेदार एआई के लिए सात मार्गदर्शक सिद्धांत (सूत्र)।
- एआई गवर्नेंस के छह स्तंभों के अंतर्गत प्रमुख सिफारिशें।
- अल्प-, मध्यम- और दीर्घकालिक समयसीमाओं के अनुरूप एक कार्य योजना।
- उद्योग, डेवलपर्स और नियामकों के लिए व्यावहारिक दिशानिर्देश, ताकि एआई की तैनाती पारदर्शी और जवाबदेह हो।
इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने कहा, “हमारा ध्यान जहां संभव हो, मौजूदा कानूनों का उपयोग करने पर केंद्रित है। इस पूरे प्रयास के केंद्र में मानवता है — यह सुनिश्चित करना कि एआई मानवता की सेवा करे और लोगों के जीवन को बेहतर बनाए, साथ ही संभावित नुकसान का समाधान करे।” उन्होंने विजेताओं को बधाई भी दी।


