नई दिल्ली । संयुक्त राष्ट्र सैनिक योगदानकर्ता देशों (यूएनटीसीसी) के प्रमुखों का सम्मेलन 2025 का मंगलवार को नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में औपचारिक उद्घाटन हुआ।
भारतीय सेना द्वारा आयोजित इस तीन दिवसीय सम्मेलन में 32 सैनिक योगदानकर्ता देशों के वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्य भाषण दिया और कहा कि शांति स्थापना में भारत का विश्वास वसुधैव कुटुम्बकम और अहिंसा के उसके सिद्धांतों में निहित है।
उन्होंने 50 से अधिक मिशनों में सेवा दे चुके भारतीय शांति सैनिकों के बलिदान की सराहना की और इस बात पर ज़ोर दिया कि शांति स्थापना केवल एक सैन्य कर्तव्य नहीं है, बल्कि मानवता के प्रति एक नैतिक प्रतिबद्धता है।
उन्होंने वैश्विक संस्थाओं में सुधार, सैन्य योगदान देने वाले देशों की जनादेश निर्माण में अधिक भागीदारी और प्रौद्योगिकी-संचालित, जन-केंद्रित मिशनों को अपनाने का आह्वान किया।
उन्होंने प्रशिक्षण, नवाचार और शांति स्थापना में महिलाओं की भागीदारी में भारत के नेतृत्व को भी रेखांकित किया।
पहले दिन “संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए आगे का रास्ता” विषय पर केंद्रित तीन पूर्ण सत्र आयोजित किए गए। संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों ने अपने राष्ट्रीय दृष्टिकोण, परिचालन अनुभव और मिशन प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए सिफारिशें साझा कीं।


