लग्जरी हाउसिंग सेल्स में रिकॉर्ड उछाल, बड़े शहरों में धड़ाधड़ बिक रहे करोड़ों के घर
भारत में रियल एस्टेट सेक्टर में एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। जहां एक तरफ आम लोग बढ़ती महंगाई और ब्याज दरों के बोझ से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ देश के बड़े शहरों में लग्जरी मकानों की बिक्री में जबरदस्त तेजी देखी गई है। साल 2025 के पहले छह महीनों में लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट में 85 प्रतिशत तक का उछाल दर्ज किया गया है।
एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के सात प्रमुख शहरों में जनवरी से जून 2025 के बीच करीब 7000 लग्जरी यूनिट्स बिके हैं। यह आंकड़ा न सिर्फ आश्चर्यजनक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अमीरों की खरीदारी क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ा है। इस क्षेत्र में दिल्ली-एनसीआर सबसे आगे निकल चुका है।
दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा बिक्री
CBRE साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड और ASSOCHAM की साझा रिपोर्ट के अनुसार, इस साल की पहली छमाही में दिल्ली-एनसीआर में 4000 लग्जरी घर बिके हैं। यह आंकड़ा बीते साल के मुकाबले लगभग तीन गुना है।
इनमें गुरुग्राम, नोएडा, साउथ दिल्ली और द्वारका एक्सप्रेसवे जैसी जगहों पर प्रीमियम प्रॉपर्टी की मांग सबसे अधिक रही है। इस बढ़ोतरी से यह स्पष्ट है कि देश की राजधानी और उसके आस-पास का इलाका उच्च वर्ग के लोगों के बीच सबसे पसंदीदा बना हुआ है।
मुंबई दूसरे स्थान पर, फिर भी पीछे
भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी लग्जरी हाउसिंग की मजबूत मांग देखी गई है। इस दौरान यहां 1240 यूनिट्स बिके, जो कुल बिक्री का 18 प्रतिशत है। हालांकि यह पिछले साल की तुलना में 29 प्रतिशत की वृद्धि है, फिर भी दिल्ली-एनसीआर से यह काफी पीछे है।
मुंबई में बांद्रा, जुहू, लोअर परेल, वर्ली और पवई जैसे इलाकों में लग्जरी सेगमेंट में विशेष रुचि देखी गई। रियल एस्टेट कंपनियां इन इलाकों में प्रीमियम प्रोजेक्ट्स को तेजी से लॉन्च कर रही हैं।
पुणे, चेन्नई और अन्य शहरों की स्थिति
दिल्ली और मुंबई के बाद अगर नजर डाली जाए तो पुणे और चेन्नई जैसे शहरों में भी लग्जरी हाउसिंग का ग्राफ ऊपर चढ़ा है, हालांकि रफ्तार उतनी तेज नहीं रही। इन दोनों शहरों में कुल बिक्री का सिर्फ 5 प्रतिशत हिस्सा आया है।
पुणे में कोरेगांव पार्क, बनर और वाकड जैसे इलाकों में मांग देखी गई, जबकि चेन्नई में ओएमआर, अन्ना नगर और अडयार जैसे इलाकों में कुछ हाई-एंड प्रोजेक्ट्स लॉन्च हुए हैं।
नए लॉन्च भी बढ़े, 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी
लग्जरी हाउसिंग की मांग में वृद्धि का एक और संकेत यह है कि इस दौरान लगभग 7300 नई यूनिट्स लॉन्च की गईं। यह पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है।
डेवलपर्स अब क्वालिटी, डिज़ाइन, ट्रांसपरेंसी और ग्राहक अनुभव पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। स्मार्ट होम फीचर्स, क्लब हाउस, प्राइवेट टेरेस, स्विमिंग पूल, और इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी जैसे अत्याधुनिक सुविधाओं के चलते इन घरों की ओर अमीर वर्ग का झुकाव तेजी से बढ़ रहा है।
कौन खरीद रहा है ये लग्जरी प्रॉपर्टी?
IANS की रिपोर्ट के अनुसार, CBRE के कैपिटल मार्केट्स और लैंड के मैनेजिंग डायरेक्टर गौरव कुमार ने बताया कि बाजार में सप्लाई और डिमांड दोनों में भारी तेजी आई है। उनका कहना है कि भारत का लग्जरी रियल एस्टेट मार्केट अब सिर्फ देशीय नहीं बल्कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन रहा है।
खासतौर पर HNWIs (High Net Worth Individuals), UHNWIs (Ultra High Net Worth Individuals) और NRIs इस सेगमेंट में निवेश कर रहे हैं। विदेशी बाजारों में अस्थिरता, मजबूत डॉलर और भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता के चलते ये लोग अब भारत में प्रॉपर्टी को सुरक्षित निवेश विकल्प मान रहे हैं।
निवेश के पीछे प्रमुख कारण
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सुरक्षित निवेश का विकल्प: दुनिया भर में चल रही आर्थिक अनिश्चितता के बीच भारत का रियल एस्टेट सेक्टर स्थिर और भरोसेमंद माना जा रहा है।
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रुपये की मजबूती और डॉलर की स्थिति: NRIs के लिए भारत में निवेश और सस्ता और लाभकारी बन गया है।
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प्राइम लोकेशन में प्रोजेक्ट्स: टॉप बिल्डर्स द्वारा टियर-1 शहरों के प्राइम इलाकों में लग्जरी प्रोजेक्ट्स लॉन्च किए जा रहे हैं।
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रेंटल इनकम की संभावना: लग्जरी प्रॉपर्टी से मिलने वाली उच्च रेंटल इनकम और प्रॉपर्टी एप्रिसिएशन का भरोसा।
भविष्य की संभावना
विशेषज्ञों का मानना है कि लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट में यह ट्रेंड अभी और जारी रहेगा। आने वाले समय में जैसे-जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतर होगा, मेट्रो शहरों में हाई-एंड लिविंग की मांग और बढ़ेगी।
साथ ही, प्रॉपर्टी की डिज़ाइन, सस्टेनेबिलिटी फीचर्स, और टेक-इनेबल्ड हाउसिंग के चलते आने वाले वर्षों में भारत इस सेगमेंट में वैश्विक हब बन सकता है।


