रायपुर। छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मंगलवार को सौम्या चौरसिया के खिलाफ पर आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में आरोप पत्र दायर किया।
ब्यूरो ने पिछले साल जुलाई में चौरसिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज किया गया था।
कोयला, डी.एम.एफ. एवं अन्य प्रकरणों में संलिप्त रही तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ भ्रप्ट माध्यमों से अर्जित अवैध आय से संबंधित इस प्रकरण में, ब्यूरो ने विशेष न्यायालय (भ्र.नि.अ.) में लगभग 8,000 पृष्ठों का अभियोग पत्र (चार्जशीट) प्रस्तुत किया है।
अभियोग पत्र के अनुसार, चौरसिया द्वारा अपने परिवार एवं अन्य व्यक्तियों के नामपर लगभग 45 अचल संपत्तियों में बेनामी निवेश किया जाना पाया गया है।
ब्यूरो की जांच में यहप्रमाणित हुआ है कि सौम्या चौरसिया ने पद पर रहते हुए लगभग 49,69,48,298/- (उनचास करोड़ उनहत्तर लाख अड़तालीस हजार दो सौ अट्ठानवे रुपये) की अवैध कमाई की है।
विदित हो कि वर्ष 2008 बैच की राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी सौम्या चौरसिया की प्रथम पदस्थापना डिप्टी कलेक्टर, कार्यालय कलेक्टर जिला बिलासपुर में हुई थी।
इसके पहले चौरसिया साल 2005 में लेखाधिकारी के रूप में कार्यरत थीं। वर्ष 2019 में वे मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव के पद पर पदस्थ हुई थीं। अपने 17 वर्ष के सेवाकाल में चौरसिया एवं उनके परिवार की वैध आय लगभग 2,51,89,175 रुपये पाई गई जबकि उनके द्वारा लगभग 50 करोड़ रुपये की अवैध आय को विभिन्न संपत्तियों में निवेश करना पाया गया।
इस प्रकार, चौरसिया द्वारा अपने सम्पूर्ण सेवाकाल में 1872.86 प्रतिशत अधिक अवैध आय अर्जित की गई है।
ब्यूरो के इतिहास में आय से अधिक संपत्ति का यह अब तक का सबसे बड़ा प्रकरण है। जांच से यह भी स्पष्ट हुआ है कि सौम्या चौरसिया द्वारा संपत्तियों में अवैध धन का सर्वाधिक निवेश वर्ष 2019 से 2022 के बीच किया गया।


