Monday, June 9

 बजाज ने एक बंद हो चुके मॉडल (1970-2005 में बिका पेट्रोल चेतक) को इलेक्ट्रिक अवतार में पुनर्जीवित करके2023-24 में 28% मार्केट शेयर हासिल करके इतिहास रच दिया , ऐसा इतिहास जो फयूचुरिस्टिक ईवी यानी टीवीएस की आईक्‍यूब को  नंबर वन की जगह छीनने के लिए कडी टक्‍कर दे रही है। कैसे शुरू हुआ बजाज का यह नया सफर, चेतक को ही क्‍यों चुना गया,  आइए समझते हैं पूरी कहानी:

ई टूव्‍हीलर का मार्केट तेजी से दुुनिया में डेवलप होते देख बजाज का प्रबंधन भी सक्रिय हुुआ। दूसरे कांप्‍टीटरर्स के मुकाबले बजाज अलग अंदाज में अपनी ईवी पेश करना चाहता था। हमारा बजाज स्‍कूटर्स का एक इतिहास रहा है। एक दौर था जब बजाज ने चेतक, प्रिया, कब जैसे मॉडल लांच कर स्‍कूटर सेेगमेंट में राज किया था।  इनमें सबसे सफल मॉडल पुराने चेतक ने1.3 करोड़+ यूनिट्स बेची थीं । भारत के 35-60 आयुवर्ग में 96% लोगों में आज भी हमारा बजाज राज कर रहा था। कंपनी ने यहीं से ब्रांड रिकॉल स्‍ट्रेटजी पर काम शुरू किया।    

क्‍या है ब्रांड रिकॉल स्‍ट्रेटजी

2019 सर्वे में खुलासा हुआ की युवा वर्ग फ्यूचरिस्टिक EV चाहते थे (जैसे iQube)। वहीं 35+ उम्र के लोगों की डिमांड थी कि “हमें सिंपल, रिलायबल और जाना-पहचाना डिजाइन चाहिए”।  टीवीएस के iQube के प्रोटोटाइप लीक होने पर बजाज ने फैसला किया  कि“हम नॉस्टाल्जिया को हथियार बनाएंगे”।

कैसे किया रिसरेक्शन? “प्रोजेक्ट फीनिक्स”  

स्टेज 1: लाश में जान फूँकना (2019-2020)  : यह काम लाश में जान फूंकने जैसा था। बजााजकी प्रोजेक्‍ट फीनिक्‍स टीम ने -औंधा (पुणे) फैक्ट्री के गोदाम से1980 के चेतक के डिज़ाइन का ब्लूप्रिंट निकाले औैर इसे मार्डन ईवी की सुुविधाएंं डालने पर वर्किंग शुरू की।  पुरानीस्टील बॉडी रखी गई लेकिन यह हैवी थी। हाइ-स्ट्रेंथ लाइटवेट स्टील से वजन 30% कम किया गया।हेडलाइट: गोल शेप को बरकरार रखा, लेकिनLED डीप बीम लगाई गई।   

 स्टेज 2: इलेक्ट्रिक हार्ट डालना  :  यानि बैटरी लगाने को लेकर वर्किंग शुरू हुई तो नई समस्‍या सामने आ गई। पुराने चेतक का फ्रेम छोटा था इसमें बड़ी बैटरी नहीं फिट होती थी। इसका हल रिमूवेबल बैटरी पैक (2 यूनिट्स, 3kWh) डिजाइन किया गया जिसका फायदा यह हुआ कि इसकी घर पर चार्जिंग आसान हो गई।  वहीं  EV में चेतक की आइकॉनिक “धुन”स्पीकर के जरिए जोड़ी औैर भावनात्मक कनेक्शन और मजबूत किया। इस तरह पुुराना बजाज अब ईवी के नए अवतार में तैयार हो गया।

 गुप्त मार्केटिंग मास्टरप्लान: “दो पीढ़ियों को जोड़ो”  

बजाज ने इसके लिए 3D कैम्पेन चलाया। मकसद था पुराने यूजर्स को याद दिलाओ। और विज्ञापन का स्‍लोगन बना

 “1976 में पहली बार चलाई थी चेतक, आज मेरे बेटे ने ई-चेतक खरीदी”।  

2.युवाओं को एहसास कराओ:  स्‍लोगन बना

     “जिसकी लीगेसी में 1.3 करोड़ भारतीय हैं, उसका EV अब आपकी है”।  

3.प्राइसिंग साइकोलॉजी: ₹1.15 लाख (iQube से ₹8,000 सस्ता) जिसे बाद में 99 हजार करके बडा मार्केट कैप्‍चर करने में सफलता मिली। ग्राहकों को लगा:”ब्रांडेड EV अफोर्डेबल भी हो सकती है”।
4. कैसे पछाड़ा मार्केट लीडर को?

नॉस्टाल्जिया vs टेक्नोलॉजी

पैरामीटर TVS iQube (टेक्नोलॉजी फोकस) बजाज चेतक (नॉस्टाल्जिया फोकस)
डिज़ाइन फ्यूचरिस्टिक वेज-शेप 1970 के चेतक की क्लोन कॉपी
टारगेट ऑडियंस युवा (18-35) परिवार (25-50) + रूरल मार्केट
फीचर्स TFT स्क्रीन, नेविगेशन एनालॉग डैशबोर्ड, सिंपल इंटरफेस
ब्रांड मैसेज “स्मार्ट स्कूटर” “भरोसे का चेतक, अब इलेक्ट्रिक”
सर्विस नेटवर्क शहरी केंद्रित 6,800+ सेंटर्स (ग्रामीण तक पहुँच)
  1. टर्निंग पॉइंट: वो 3 घटनाएँ जब नॉस्टाल्जिया ने जीत दिलाई  

1.2022 में iQube का सर्विस स्कैंडल:   TVS के शहरी सर्विस सेंटर्स ओवरलोडेड हुए → बजाज ने विज्ञापन दिया: *”चेतक जैसा भरोसा, वैसी सर्विस – हर गली में”*।  

2.ओला S1 की क्वालिटी समस्याएँ:  सॉफ्टवेयर ग्लिचेज से नाराज यूजर्स ने चेतक को”पुराने जमाने की रिलायबिलिटी” के लिए चुना।  

3.ग्रामीण बाज़ार का उदय: उत्तर प्रदेश, बिहार में डीलर्स ने पुराने चेतक यूजर्स की लिस्ट निकाली औैर उन्‍हें डायरेक्ट कॉल करके ऑफर दिया।

 नतीजा: कैसे बना मार्केट लीडर?  

  • 2023-24 में बजाज की EV सेल्स का 72% सिर्फ चेतक से आया।  
  • रूरल डोमिनेंस: iQube शहरों में लीडर, लेकिन चेतक नेसेमी-अर्बन/रूरल इलाकों में 48% शेयर कब्जाया।  
  • ब्रांड एक्सटेंशन: अब चेतक एकसब-ब्रांड है। चेतक क्लासिक (EV), चेतक रॉयल (पेट्रोल) आ रहे हैं।  

 आँकड़ों से साबित: 

  • चेतक EV के41% बायर्स ने स्वीकारा: “हमने सिर्फ नॉस्टाल्जिया में खरीदी”।  
  • 57% पहली बार EV खरीदने वाले थे : नॉस्टाल्जिया ने EV में एंट्री का डर तोड़ा
बजाज की 4 महत्‍वपूर्ण फाइंंडिंग्‍स : बंद प्रोडक्ट को कैसे जिंदा करें?   

1.भावनाओं को कैश करो: भारत जैसे बाजार मेंनॉस्टाल्जिया, फीचर्स से ज्यादा ताकतवर है।  

2.लेगेसी को मॉडर्नाइज करो: पुराना डिज़ाइन रखो, पर टेक्नोलॉजी अपडेट करो (जैसे रिमूवेबल बैटरी)।  

3.कमजोरियों को स्ट्रेंथ बनाओ: चेतक का “पुराना लुक” iQube के खिलाफयूनिक यूएसपी बना।  

4.सर्विस नेटवर्क को वेपन बनाओ: 6,800+ सेंटर्स ने ग्रामीण बाजार में टीवीएस को पछाड़ा।  

आज चेतक सिर्फ एक स्कूटर नहीं, भारतीय मिडिल-क्लास की “भावनात्मक विरासत” का प्रतीक है – और बजाज ने इसी विरासत को इलेक्ट्रिक युग में सोने के अंडे देने वाली मुर्गी बना दी! 

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